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Showing posts from February, 2020

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मातृ पितृ पूजन दिवस/parent's worship day (१४ फरवरी)         देश में रहते हैं उसी की बात करूंगा, भारत में रहता हूं भारत की बात करूंगा।         प्राचीन काल से हमारे देश में सनातन संस्कृति की धारा निरंतर बहती आ रही है, जिससे हमें संस्कार और एक बेहतर जीवन की प्राप्ति होती है। जैसे-जैसे हम आधुनिकता के दौर में आगे बढ़ रहे हैं वैसे वैसे हम हमारी सनातन संस्कृति एवं संस्कारों को पीछे छोड़ रहे हैं , और इसी कारण आज का मनुष्य सुखी एवं समाधानी नहीं है।         ऐसा नहीं है कि संस्कार देने वाले या संस्कार लेने वाले समाप्त हो गए हो ,आज भी ऐसे लोग हैं जो हमारे बच्चों को और हमें अच्छे संस्कार देते हैं। आप अपने बच्चों को बचपन में कैसे संस्कार देते हैं उसके ऊपर निर्भर करता है कि वह बड़ा होकर कैसा बनेगा, इसीलिए तो कहते हैं कि बच्चों का भविष्य मां-बाप के हाथों में होता है।          जैसे अगर देश में कोई वायरस फैल जाए, कोई बीमारी फैल जाए तो वह देश को बर्बाद करके छोड़ देती है वैसे ही अगर देश में कोई बुरा विचार फैल जाए तो वह भी देश को बर्बाद करके छोड़ता है। इस देश में इतने अपराध क्यों बढ़ गए पता