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Showing posts from March, 2020

ना आती तो अच्छा होता.....

क्यों आयी तुम जिंदगी में ,ना आती तो अच्छा होता। पहली बार तेरा मुझे और मेरा तुझे देखना , सावन की बारिश में वो कलियोंका मेहेकना, तेरा मासूम सी आंखें देखकर मेरा रुक जाना , मेरे घर तक तेरा मेरे पीछे पीछे आना , फिर पता चला तू तो नई पड़ोसी हो मेरी , अब हर रोज होगी मुलाकात मेरी और तेरी , फिर सोचा मेंने एक बार देख ही लूं , पर निकम्मी दीवार बिचमे ना होती तो अच्छा होता , क्यों आयी तुम जिंदगी में ना अाती तो अच्छा होता। अब तक मेंने तेरा चेहरा देखा ना था , ना तूने मुझे पहेचाना था , पर मिलाना तकदीर को था हमें एक दुजेसे , तो इंताम उसने कॉलेज का किया था , फिर पता चला तुझे है मैथ और बायो दोनों से प्यार , इसलिए मेंने भी लटका ली अपने सर पे बायो की तलवार , फिर मेंने सोचा चलो तुम तो साथ हो , पर निकम्मी डिवीजन अलग ना होती तो अच्छा होता , क्यों आयी तुम जिंदगी में ,ना अाती तो अच्छा होता।

बेरंग

जगह रंग ही रंग है, पर मेरी ये होली तेरे बिना बेरंग है। कहीं उड़ेगा रंग तो कहीं पानी बरसेगा, पर आज भी मेरा ये दिल तेरी याद में तरसेगा, जानता हूं तुम आ नहीं सकती, क्योंकि बहुत सी मजबूरियां तेरे संग है, पर मेरी ये  होली तेरे बिना बेरंग है। आज फिर से बहुत से बहाने बनाने पड़ेंगे मुझको, और शायद कई लोगों के फोन भी काटने पड़ेंगे मुझको, क्योंकि मेरी हर खुशी और सारे रंग सिर्फ तेरे संग है, पर मेरी ये होली तेरे बिना बेरंग है। वो दिन भी याद आता है मुझे , जब हमने साथ होली मनाई थी, और तूने अपने हाथों की छाप , मेरे कपड़ों पर लगाई थी, आज भी मेरे दिल के कोने में बसे बस वही रंग है, और मेरी ये होली तेरे बिना बेरंग है। मानता हूं तू दूर है मुझसे , पर है कहीं यही आस पास, तो क्या हुआ तुम इस होली साथ नहीं, पर कभी तो होगी मुलाकात, तब तक लड़नी मुझे अकेले ही ये जंग है, और मेरी ये होली तेरे बिना बेरंग है।