क्यों आयी तुम जिंदगी में ,ना आती तो अच्छा होता।
पहली बार तेरा मुझे और मेरा तुझे देखना ,
सावन की बारिश में वो कलियोंका मेहेकना,
तेरा मासूम सी आंखें देखकर मेरा रुक जाना ,
मेरे घर तक तेरा मेरे पीछे पीछे आना ,
फिर पता चला तू तो नई पड़ोसी हो मेरी ,
अब हर रोज होगी मुलाकात मेरी और तेरी ,
फिर सोचा मेंने एक बार देख ही लूं ,
पर निकम्मी दीवार बिचमे ना होती तो अच्छा होता ,
क्यों आयी तुम जिंदगी में ना अाती तो अच्छा होता।
अब तक मेंने तेरा चेहरा देखा ना था ,
ना तूने मुझे पहेचाना था ,
पर मिलाना तकदीर को था हमें एक दुजेसे ,
तो इंताम उसने कॉलेज का किया था ,
फिर पता चला तुझे है मैथ और बायो दोनों से प्यार ,
इसलिए मेंने भी लटका ली अपने सर पे बायो की तलवार ,
फिर मेंने सोचा चलो तुम तो साथ हो ,
पर निकम्मी डिवीजन अलग ना होती तो अच्छा होता ,
क्यों आयी तुम जिंदगी में ,ना अाती तो अच्छा होता।
Comments
Post a Comment