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Showing posts from April, 2022

Ram Navmi Special

भगवान राम के १६ गुण जो बनाते है उन्हें सर्वश्रेठ वैसे तो भगवान राम गुणोंकी खान है पर, वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के १६ गुण बताये गए है जो भगवान राम को सर्वश्रेष्ठ बनाते हैI - गुणवान (ज्ञानी व हुनरमंद) - किसी की निंदा न करने वाला (सकारात्मक) - धर्मज्ञ (धर्म के साथ प्रेम, सेवा और मदद करने वाला) - कृतज्ञ (विनम्रता और अपनत्व से भरा) - सत्य (सच बोलने वाला, ईमानदार) - दृढ़प्रतिज्ञ (मजबूत हौंसले वाला) - सदाचारी (अच्छा व्यवहार, विचार) - सभी प्राणियों का रक्षक (मददगार) - विद्वान (बुद्धिमान और विवेक शील) - सामथ्र्यशाली (सभी का भरोसा, समर्थन पाने वाला) - प्रियदर्शन (खूबसूरत) - मन पर अधिकार रखने वाला (धैर्यवान व व्यसन से मुक्त) - क्रोध जीतने वाला (शांत और सहज) - कांतिमान (अच्छा व्यक्तित्व) - वीर्यवान (स्वस्थ्य, संयमी और हष्ट-पुष्ट) - युद्ध में जिसके क्रोधित होने पर देवता भी डरें (जागरूक, जोशीला, गलत बातों का विरोधी)

Secularism

क्या भारत के संविधान में   सेक्युलर   शब्द पहेले से मोजूद था ? क्या भारत में हर एक नागरिक को   सेक्युलर   होना जरुरी है ?   भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता शब्द की बजाय पंथनिरपेक्ष शब्द का प्रयोग 1976 में 42 वें संविधान संशोधन के द्वारा संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया गया है। संविधान के अधीन भारत एक पंथनिरपेक्ष राज्य हैं , ऐसा राज्य जो सभी धर्मों के प्रति तटस्थता और निष्पक्षता का भाव रखता है। " भारतीय संविधान के प्रस्तावना में घोषणा के अनुसार भारत एक पंथनिरपेक्ष देश है I " धर्म और पंथ में क्या अंतर है ? इस बात की जड़ में जायेंगे तो बात बोहोत लम्बी खीच जाएगी , तो शॉर्ट में समझे तो धर्म वो होता है जो धारण करने योग्य हो या जिसका निर्वाहन किया जा सके , और पंथ आप कह सकते है मार्ग I   बोहोत से लोग कहते है की हम कीसी धर्म में नहीं मानते , हम सेकुलरिज्म में विश्वास रखते है I पर क्या आप ये जानते है की सेक्युलर शब्द संविधान में है किसके लिए ? ये नागारिकोंके लिए न होकर सरकार के लिए है की वो सेक्युलर / पंथनिरपेक्ष होकर कार्य करे I और वैसे भी   धर्म तो केवल एक ही है वो है