भगवान राम के १६ गुण जो बनाते है उन्हें सर्वश्रेठ वैसे तो भगवान राम गुणोंकी खान है पर, वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के १६ गुण बताये गए है जो भगवान राम को सर्वश्रेष्ठ बनाते हैI - गुणवान (ज्ञानी व हुनरमंद) - किसी की निंदा न करने वाला (सकारात्मक) - धर्मज्ञ (धर्म के साथ प्रेम, सेवा और मदद करने वाला) - कृतज्ञ (विनम्रता और अपनत्व से भरा) - सत्य (सच बोलने वाला, ईमानदार) - दृढ़प्रतिज्ञ (मजबूत हौंसले वाला) - सदाचारी (अच्छा व्यवहार, विचार) - सभी प्राणियों का रक्षक (मददगार) - विद्वान (बुद्धिमान और विवेक शील) - सामथ्र्यशाली (सभी का भरोसा, समर्थन पाने वाला) - प्रियदर्शन (खूबसूरत) - मन पर अधिकार रखने वाला (धैर्यवान व व्यसन से मुक्त) - क्रोध जीतने वाला (शांत और सहज) - कांतिमान (अच्छा व्यक्तित्व) - वीर्यवान (स्वस्थ्य, संयमी और हष्ट-पुष्ट) - युद्ध में जिसके क्रोधित होने पर देवता भी डरें (जागरूक, जोशीला, गलत बातों का विरोधी)